Breaking News

Foto

ब्रिटेन के पैरेंट्स भी बच्चों को डॉक्टर बनाना चाहते हैं; वजह- परिवार को सम्मान और जिंदगी में स्थायित्व

बच्चों को डॉक्टर बनाने का सपना सिर्फ भारत के ही मिडिल क्लास पैरेंट्स नहीं देखते, ब्रिटेन के माता-पिता भी अपने बच्चों को डॉक्टर बनाना चाहते हैं। अधिक कमाई और ज्यादा शोहरत देने वाले कई नए पेशों के उभरने के बावजूद डॉक्टरी का क्रेज बढ़ रहा है।

यूनिवर्सिटीज एंड कॉलेजेस एडमिशन सर्विसेस के आंकड़ों के मुताबिक, जहां दूसरे विषयों में करिअर बनाने वाले प्रतिभागियों की संख्या 2014 से अब तक दो-तीन गुना ही बढ़ी है, वहीं मेडिसिन में करिअर का सपना देखने वाले प्रतिभागी ब्रिटेन में छह गुना हो गए हैं। 2014 से अब तक यह 18% की दर से बढ़ी है।

परिवार में डॉक्टर होने से सबको मिलता है सम्मान
ब्रिटेन में करिअर विशेषज्ञ चार्ली बॉल कहते हैं, डॉक्टरी पेशे को मिडिल क्लास सम्मान से देखती है। जिस परिवार में एक डॉक्टर हो जाता है, तो पूरे परिवार को सम्मान से देखा जाने लगता है। यही वजह है कि कई बच्चों की रुचि न होने के बावजूद मां-बाप उनपर डॉक्टर बनने का दबाव डालते हैं। ब्रिटेन के मेडिकल स्कूलों में सीटें अब भी कम हैं। उसके लिए प्रतियोगिता ज्यादा है। इसलिए उसे हासिल करना बड़ी बात मानी जाती है।

डॉक्टरों की आय घटी लेकिन डिमांड बढ़ी
बॉल कहते हैं- बाजार की जरूरत के हिसाब से अलग-अलग पेशों के वेतन में अंतर होता है। इस वक्त एआई और तकनीक के दूसरे सेक्टर में विशेषज्ञों की कमी है। इस वजह से कई नए पेशों में वेतन बहुत ज्यादा हैं। उनके मुकाबले 7 साल की लंबी ट्रेनिंग के बाद बने डॉक्टरों की कमाई ज्यादा नहीं है। इस पेशे में दबाव और काम के घंटे बढ़े हैं। डॉक्टरों की आय बढ़ने की बजाय तुलनात्मक रूप से घटी है। फिर भी डॉक्टर बनने की चाहत बढ़ रही है।

ज्यादातर परिवारों को जॉब के नए मौकों का पता ही नहीं होता। ब्रिटेन में मिडिल क्लास फैमिली के माता-पिता को लगता है कि डॉक्टरों के पेशे में स्थायित्व है। वे इसे नोबल प्रोफेशन मानते हैं। इसलिए अपने बच्चों को डॉक्टर बनाना चाहते हैं। एक वजह जानकारी का अभाव भी है। ज्यादातर परिवारों को पता ही नहीं होता कि अब जॉब के किस तरह के नए मौके आ गए हैं।

प्रवासी नागरिक इज्जत के लिए बच्चों को डॉक्टर बनाना चाहते हैं
ब्रिटेन में इज्जत के लिए प्रवासी बच्चों को डॉक्टर बनाना चाहते हैं। चेंजिंग फेस ऑफ मेडिसिन कमिशन के अध्यक्ष प्रोफेसर पाली हंगिन कहते हैं- दुनिया के ज्यादातर देशों में डॉक्टरों को भगवान का समझा जाता है। ब्रिटेन में प्रवासियों की बड़ी आबादी है। वे अपने बच्चों को इसलिए डॉक्टर बनाना चाहते हैं कि ब्रिटिश समाज में उनके परिवार को सम्मान से देखा जाने लगे।


ज़रा इधर भी

अन्य खबरें